Chakrasana benefits in hindi: चक्रासन योग में किया जाने वाला एक आसान है जो कि योग में काफी प्रसिद्ध माना जाता है। चक्रासन करने से शरीर को ढेरों फायदे मिलते हैं। बहुत से लोग इस आसान का अभ्यास करते हैं और उन्हें इसके फायदों के बारे में जानकारी भी अवश्य होगी। अगर आप नहीं जानते हैं कि चक्रासन करने के क्या फायदे होते हैं तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बातएंगे।
सबसे पहले हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि चक्रासन करना सभी के बस की बात नहीं होती है। इसके लिए आपको काफी अभ्यास की आवश्यकता होती है। जैसा कि आप नाम से ही देख रहे होंगे की इस आसन का नाम चक्रासन है अर्थात चक्र के जैसा आसन। हमें अपने शरीर को मोड़कर चक्र के समान बनाना होता है।
योग में ऐसे ही कई प्रकार के आसन होते हैं जिनमे चक्रासन करना बेहद कठिन माना जाता है। लेकिन इसे करने के फायदे भी शरीर को काफी जयादा होते हैं। जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। आइये जानते हैं चक्रासन करने की विधि, फायदे और सावधानियों के बारे में।
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चक्रासन करने की विधि – Chakrasana karne ki vidhi
चक्रासन करने के लिए आपको बताये हुए तरीकों का अच्छे से पालन करना होगा। अन्यथा आपको चोट का सामना भी करना पड़ सकता है। हम ऐसा बिलकुल नहीं चाहेंगे कि आपको किसी भी तरह की पैदा से गुजरना पड़े। इसीलिए बताये हुए क़दमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और फिर इसे धीरे-धीरे अभ्यास करना शुरू करें।
- सबसे पहले आप जमीन पर आएं और योग मैट या चटाई समतल जगह पर बिछाएं।
- अब आप पीठ के बल लेट जाएँ।
- अब दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर, पैरों की एड़ियों को अपने कूल्हों के साथ सटाकर मिला लें।
- अपने दोनों हाथों को अपने कान के पास रखें जिसमे हाथों की उँगलियाँ पैरों की तरफ रहें।
- अब धीरे-धीरे अपने हाथों पर वजन डालना शुरू करें।
- धीरे-धीरे सिर की तरफ वजन डालते हुए अपने शरीर को ऊपर की और उठाने का प्रयास करें।
- जब आप अपने पूरे शरीर को ऊपर की और उठा लेते हैं तो आपको इसी अवस्था में कुछ समय के लिए रुकना है।
- कुछ समय बाद आप वापिस आराम की अवस्था में आ सकते हैं।
- ध्यान रहे जब आप अपने शरीर को ऊपर की और उठाते हैं तो जोर से सांस अंदर लेनी है और उसे भी अंदर ही रोके रखना है। जब आप आराम की अवस्था में वापिस आएंगे तो साँस को छोड़ते हुए नीचे आना है।
- जब आप चक्रासन करते हैं तो आपका ध्यान नाभि, ह्रदय और कपाल पर केंद्रित करना होता है।
- कुछ लोग अपने भरी वजन के कारण इस आसन को नहीं कर पाते हैं तो वह अपने शरीर के निचे कुछ रख कर भी कर सकते हैं।
- धीरे-धीरे अभ्यास होने पर आप राखी हुई वस्तुओं को एक-एक करके हटा सकते हैं।
- आपको चक्रासन अपने अभ्यास और क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। जबरदस्ती करने की कोशिश न करें। इससे चोट लगने की सम्भावना रहती है।
चक्रासन करने के फायदे – Chakrasana benefits in hindi
- चक्रासन करने से शरीर में लचीलापन आता है और फ्लेक्सिबिलिटी (flexibility) बढ़ती है।
- इससे पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- रीढ़ की हड्डी के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होता है।
- यह पेट की मांसपेशियों को खींचता है और उनमे लचीलापन भरता है।
- पेट और प्रजनन अंगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
- पुरुषों और स्त्रियों के आंतरिक रोगों को दूर करने में लाभदायक होता है।
- चक्रासन करने से मोटापा कम होता है।
- जांघों, बाज्यूओं और कंधों की मांसपेशियों में मजबूती आती है।
- चेहरे में रक्त का परवाह बढ़ता है जिससे चेहरे पर निखार आता है।
- कमर की समस्याओं को भी दूर करता है।
- सम्पूर्ण शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है एवं शरीर में स्फूर्ति का निर्माण होता है।
- रोजाना अभ्यास करने से और भी कई तरह के फायदे चक्रासन के द्वारा शरीर को प्राप्त होते हैं।
चक्रासन करने के दौरान साबधानियाँ – Precautions while doing Chakrasana in hindi
जैसा कि हमने आपको बताया है कि चक्रासन करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसीलिए इससे सम्बंधित कुछ साबधानियों पर भी आपको नज़र जरूर मारनी चाहिए।
- गर्भवती महिलायें चक्रासन करने से परहेज करें अन्यथा उन्हें काफी पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है।
- कमजोरी महसूस होने पर भी इस आसन को न करें।
- चक्रासन का अभ्यास करने के दौरान शुरुआत में किसी की मदद जरूर लें। अकेले में इसका अभ्यास न करें।
- चक्रासन करते समय जितनी देर आप शरीर को रोकेंगे तो सांस को भी अंदर ही रोके रखें।
- अल्सर बीमारी वाले लोग इस आसन को न करें।
- हर्निया एवं रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित बीमारी वाले लोग भी इसका अभ्यास न करें।
- इस आसान को खाली पेट करना काफी फायदेमंद होता है।
- कलाई के कमजोर होने पर भी इस अभ्यास को न करें, इससे परेशानी हो सकती है।
- शुरूआती तौर पर अपनी पीठ के नीचे कुछ वस्तुएं रख कर अभ्यास करें।
- जबरदस्ती करने की कोशिश न करें। आपसे जितना होता है उतना ही करने की कोशिश करें। धीरे-धीरे अभ्यास होने पर आप इसे सही कर लेंगे।
चक्रासन से सम्बंधित अन्य जानकारी – Chakrasana benefits in hindi
कुछ योग शिक्षक और योगाचार्य चक्रासन को अर्ध चक्रासन भी कहते हैं। कहीं-कहीं अर्ध चक्रासन को भिन्न-भिन्न प्रकार से करवाया जाता है। जैसे सीधे खड़े हो जाएँ और हाथों को खड़ा करके जितना पीछे झुक सकते हैं झुकें। वह इस अवस्था को अर्ध चक्रासन कहते हैं जबकि यह अवस्था अनु चक्रासन कहलाती है।
हमने चक्रासन करने की जो विधि आपको बताई है वह सबसे सरल विधि मानी जाती है। कुछ दिनों तक आप इसका अभ्यास करें। आप देखेंगे कि आप इसे बिना किसी सहायता के ठीक से करने लगेंगे। इस विधि के दौरान चोट लगने का खतरा काफी कम रहता है। चक्रासन करने से पहले बताई हुई विधि को ध्यानपूर्वक पड़ें और फिर अभ्यास करें। शुरुआत में आपको समस्या हो सकती है लेकिन नियमित अभ्यास से आप इसे आसानी से करने लगेंगे।
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